टिटहरी
जेठ की भीषण
दुपहरी में
कंकड़ों, पत्थरों का
कोटर बनाकर
देती है अंडे
छुपा देती है उन्हे
उन्हीं कंकड़ों के बीच
अंडाखोरों से सुरक्षा के लिये/
टिटहरी भी धरती पर
दिखती कहाँ है प्रकृति की विशालता में?
उसके अंडों की ओर
उठते कदमों के विरूद्ध चीख का नाम
हीं तो है
टिटहरी /
13-09-14
जेठ की भीषण
दुपहरी में
कंकड़ों, पत्थरों का
कोटर बनाकर
देती है अंडे
छुपा देती है उन्हे
उन्हीं कंकड़ों के बीच
अंडाखोरों से सुरक्षा के लिये/
टिटहरी भी धरती पर
दिखती कहाँ है प्रकृति की विशालता में?
उसके अंडों की ओर
उठते कदमों के विरूद्ध चीख का नाम
हीं तो है
टिटहरी /
13-09-14