नानी की कहानियों में
सुनते थे
चुड़ैलें भी गर्भवती महिलाओं को
मारती नहीं/
भावी माँ का करतीं है सम्मान ।
हत्यारिनें भी जान नहीं लेतीं
यदि जान लेती है कि उसकी शिकार
'दोजीवी' है।
हत्या में शिष्टाचार
लगता है
मिथक और कहानियों की बातें
हो चुकी है।
डेढ़सौ निरीह महिलाओं का निर्मम वध
सुनकर
रूह तो काँपती हीं है
पर
लगता है
कि यज़ीद और यज़ीदियों ने
शब्द नहीं बदले,
अर्थ बदल लिये है
बदलते दौर में।
20-12-2014
सुनते थे
चुड़ैलें भी गर्भवती महिलाओं को
मारती नहीं/
भावी माँ का करतीं है सम्मान ।
हत्यारिनें भी जान नहीं लेतीं
यदि जान लेती है कि उसकी शिकार
'दोजीवी' है।
हत्या में शिष्टाचार
लगता है
मिथक और कहानियों की बातें
हो चुकी है।
डेढ़सौ निरीह महिलाओं का निर्मम वध
सुनकर
रूह तो काँपती हीं है
पर
लगता है
कि यज़ीद और यज़ीदियों ने
शब्द नहीं बदले,
अर्थ बदल लिये है
बदलते दौर में।
20-12-2014