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Wednesday 4 March 2015

चेतावनी

वह घुली होती है सब तरफ
हवा में
हवा की तरह
जीवन जीने की भी शर्त है
लोकतंत्र में जीने के लिये जरूरी है
चेतावनी का होना,
उसके न होने के कईं नुकसान है कि
आप चल नहीं सकते।
आप बोल नहीं सकते।
और तो और आप जी नहीं सकते।
चेतावनी
हमें नियंत्रित करती है
ईश्वर की तरह
बिना दिखे
बिना लिखे
सब तरफ
दुर्घटनाओं से भरे समय में
एक वही तो नियंता है
चेतावनी
ईश्वर की तरह जिसे हमने बनाया है
खुद पर अनुशासन रखने का आखिरी हथियार ।
             20/02/2015 3:45 am