मैं इस विवाद में नहीं पड़ता
कि
अमृत को ईश्वर ने बनाया
या खोजा!
ईश्वर की ओर से
अनमोल उपहार
अमृत को स्वीकार करता हूँ
आचमन करता हूँ
क्योकि
बिना पान किये
मेरा जीना
और जी उठना मुश्किल हीं नहीं
असंभव है।
जीवन के महाभारत में
चिर अस्थायी और अनावश्यक
स्मृतियों की कुहेलिका
कितनी अवसाद
और उन्माद दशाओं की
मृत्युओं से प्रतिदिन मिलवाती है?
कह नहीं सकता।
एक व्यक्ति अपनी मृत्यु
को प्रति दिन आखिर
कितना सह सकता है?
विस्मृतियों का अमृत हीं
पीकर मैं जी पाता हूँ
अपना पूरा जीवन।
विस्मृतियां हीं
उत्साह और उत्कर्ष का
ताना बाना बुनती है मुझमें
नये ऊगते सूरज के साथ
नयी उमंगें लेकर
विदा करता हूं स्मृतियों की
मौतो को
जीवन मंथन से निकला
विस्मृतियों का अमृत
मुझे अपना पूरा जीवन जीने की
अमरता देता है।
इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता
कि इसे ईश्वर ने
बनाया है या खोजा है।
कि
अमृत को ईश्वर ने बनाया
या खोजा!
ईश्वर की ओर से
अनमोल उपहार
अमृत को स्वीकार करता हूँ
आचमन करता हूँ
क्योकि
बिना पान किये
मेरा जीना
और जी उठना मुश्किल हीं नहीं
असंभव है।
जीवन के महाभारत में
चिर अस्थायी और अनावश्यक
स्मृतियों की कुहेलिका
कितनी अवसाद
और उन्माद दशाओं की
मृत्युओं से प्रतिदिन मिलवाती है?
कह नहीं सकता।
एक व्यक्ति अपनी मृत्यु
को प्रति दिन आखिर
कितना सह सकता है?
विस्मृतियों का अमृत हीं
पीकर मैं जी पाता हूँ
अपना पूरा जीवन।
विस्मृतियां हीं
उत्साह और उत्कर्ष का
ताना बाना बुनती है मुझमें
नये ऊगते सूरज के साथ
नयी उमंगें लेकर
विदा करता हूं स्मृतियों की
मौतो को
जीवन मंथन से निकला
विस्मृतियों का अमृत
मुझे अपना पूरा जीवन जीने की
अमरता देता है।
इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता
कि इसे ईश्वर ने
बनाया है या खोजा है।