शाम के छ: बजने वाले है/
आज का ज्वलंत मुद्दा
"................."
टीवी पर पैनलिस्टों का होगा
घमासान
फिक्सिंग में सेट कुछ
अखबारी बिरादर भी
फिक्स हैं/
किस दल से कौन?
क्या बोलेगा?
पता है।
अलबत्ता पता होना चाहिये—
कौन किस दल में है?
टीवी के प्यालिया तूफानों से हम
अमूमन वाकिफ होते है
मगर फिर भी
हम बैठते हैं शाम के छ: बजे/
टीवी के आगे /
इस तरह रोजमर्रा से
जूझकर भी
हम तटस्थ रहते है,
लोकतंत्र के
पक्के और सच्चे वोटर की तरह/
आखिर हम लोकतंत्र के
पहरेदार भी तो है/
13-09-14
आज का ज्वलंत मुद्दा
"................."
टीवी पर पैनलिस्टों का होगा
घमासान
फिक्सिंग में सेट कुछ
अखबारी बिरादर भी
फिक्स हैं/
किस दल से कौन?
क्या बोलेगा?
पता है।
अलबत्ता पता होना चाहिये—
कौन किस दल में है?
टीवी के प्यालिया तूफानों से हम
अमूमन वाकिफ होते है
मगर फिर भी
हम बैठते हैं शाम के छ: बजे/
टीवी के आगे /
इस तरह रोजमर्रा से
जूझकर भी
हम तटस्थ रहते है,
लोकतंत्र के
पक्के और सच्चे वोटर की तरह/
आखिर हम लोकतंत्र के
पहरेदार भी तो है/
13-09-14